BRICS की परिकल्पना : इतिहास, विकास, सदस्य देश, उद्देश्य और प्रभाव

BRICS की परिकल्पना

BRICS की परिकल्पना : ब्रिक (BRIC) शब्द को 2001 में गोल्डमैन सैक्स एसेट मैनेजमेंट के चेयरमैन जिम ओ नील द्वारा दिया गया था।उन्होंने तर्क दिया कि वर्ष 2050 तक ब्रिक देश विश्व अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करेंगे। उनका तर्क निम्नलिखित था:-

1.ब्रिक देश तेजी से विकास करने वाले या नए औद्योगिक देश हैं जिनकी अर्थव्यवस्था बहुत बड़ी है और जिनका क्षेत्रीय मामलों पर गहरा प्रभाव है।

2. विशेष रुप से ब्राजील में मजबूत इस्पात और चीनी उद्योग हैं; रूस में ऊर्जा क्षेत्र संपन्न है; भारत में मजबूत आईटी और फार्मा सेक्टर हैं; और चीन में मजबूत विनिर्माण क्षमता है।

Note:- नए सदस्य दक्षिण अफ्रीका में विशाल प्राकृतिक संसाधन है; खासकर कीमती पत्थर और धातु जैसे प्लैटिनम, सोना, हीरे आदि।

BRIC और BRICS क्या है?

चार ब्रिक देशों के विदेश मंत्रियों ने सितंबर 2006 में न्यूयॉर्क शहर में उच्च स्तरीय बैठक की एक श्रृंखला की शुरुआत की। ब्रिक के 4 सदस्य निम्नलिखित थे:-

1. ब्राजील

2. रूस

3. इंडिया

4. चीन

👉2023 के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद, मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था।

👉2025 में, इंडोनेशिया एक पूर्ण सदस्य बन गया है।

👉ब्रिक्स में अब 10 सदस्य देश हैं।

Note:- ब्रिक का पहला शिखर सम्मेलन 2009 में आयोजित किया गया था।

➡️ब्रिक में सन् 2010 में साउथ अफ्रीका को शामिल किया गया और 2011 के शिखर सम्मेलन में ब्रिक का नाम बदलकर

ब्रिक्स रखा गया। अर्थात वर्तमान में जो ब्रिक्स संगठन है उसकी स्थापना 2011 में की गई।

➡️2009 से प्रत्येक वर्ष ब्रिक्स की औपचारिक शिखर सम्मेलन आयोजित की जाती है।

➡️ब्रिक्स दुनिया की 5 अग्रणी उभरती अर्थव्यवस्थाओं ब्राजील , रूस , भारत ,चीन और दक्षिण अफ्रीका का एक एकीकृत प्लेटफार्म है।

BRICS का महत्व:-

➡️ब्रिक्स देश 3.6 अरब लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

➡️इसमें विश्व की जनसंख्या का लगभग 41% जनसंख्या सम्मिलित है। सभी 5 सदस्य आबादी के अनुसार विश्व के शीर्ष 25 में है जिनमें से चार शीर्ष 10 में है और दो देश शिर्ष दो में है।

➡️5 देशों की संयुक्त जीडीपी अमेरिकी डॉलर 16.6 ट्रिलियन है, जो कि विश्व के कुल जीडीपी के लगभग 24% के बराबर है। हालांकि चीन की जीडीपी ब्रिक्स के अन्य सभी सदस्यों की संयुक्त जीडीपी से ज्यादा है।

➡️ब्रिक्स का वैश्विक व्यापार में 17 फ़ीसदी योगदान है।

ब्रिक्स देशों का बैंक:-

➡️ब्रिक्स के सदस्य देशों ने एक बैंक की स्थापना के लिए 2014 में ब्राजील के फोर्टालेजा शिखर सम्मेलन में घोषणा की थी।

➡️लेकिन बैंक अधिकृत रूप से रूस के ऊफा में हुए 2015 के शिखर सम्मेलन में अस्तित्व में आया। इस बैंक को वर्तमान में New Development Bank (पूर्व में ब्रिक्स विकास बैंक) के नाम से जाना जाता है।

➡️NDB के सभी 5 सदस्यों के बराबर वोट शेयर हैं और प्रत्येक सदस्य राष्ट्र से बराबर योगदान के साथ बैंक की प्रारंभिक सदस्यता पुंजी 100 बिलियन डॉलर है।

➡️बैंक का मुख्यालय शंघाई, चीन में स्थित है। NDB का पहला क्षेत्रीय कार्यालय दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग में खोला गया था।

NDB के अध्यक्ष का कार्यकाल 5 वर्ष होता है।

पहला अध्यक्ष-के.वी. कामथ

वर्तमान अध्यक्ष-मार्कोस ट्रायजो

➡️न्यू डेवलपमेंट बैंक को आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए और विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे के विकास

के वित्तपोषण के लिए ब्रिक्स देशों द्वारा स्थापित किया गया है।

CRA(Contingency Researve Arrangement):-

➡️किसी सदस्य राष्ट्र के साथ विदेशी मुद्रा की कमी को दूर करने के लिए IMF की तरह CRA स्थापित किया गया है।

➡️ब्रिक्स देशों ब्राजील,रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका द्वारा स्थापित किया गया था।

➡️आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था की स्थापना छठा(2014)ब्रिक्स शिखर सम्मेलन जो कि ब्राजील के फोर्टालेजा में आयोजित की गई थी उसमें एक संधि द्वारा की गई।

➡️लेकिन यह ऊफा, रुस में 2015 में 7वां शिखर सम्मेलन में लागू हुआ।

➡️CRA के कुल फंड का आकार 100 अरब डॉलर है जिसमें सबसे ज्यादा फंडिंग 41 अरब डॉलर चीन का है। भारत ब्राजील और रूस का फंडिंग 18 अरब डॉलर है और साउथ अफ्रीका का 5 अरब डॉलर।

BRICS शिखर सम्मेलन:-

शिखर सम्मेलन का संस्करण वर्ष आयोजन स्थल
पहला 2009 येकतेरिनवर्ग , रूस
दूसरा 2010 ब्रासीलिया ,ब्राजील
तीसरा 2011 सान्या , चीन
चौथा 2012 नई दिल्ली , भारत
पांचवां 2013 डरबन , दक्षिण अफ्रीका
छठा 2014 फोर्टालेजा और ब्रासीलिया ,ब्राजील
सातवां 2015 ऊफा , रुस
8वां 2016 गोवा , भारत
9वां 2017 शियामिन , चीन
10वां 2018 जोहांसबर्ग , दक्षिण अफ्रीका
11वां 2019 ब्रासीलिया , ब्राजील
12वां 2020 रूस (वर्चुअल)
13वां 2021 भारत (वर्चुअल)

भारत और ब्रिक्स के संबंध

➡️ज्ञातव्य है कि इसकी स्थापना के साथ ही भारत ने उसमें एक महत्त्वपूर्ण और सक्रिय भूमिका अदा की है। भारत सदैव ही वैश्विक आर्थिक विकास, शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिये ब्रिक्स के मंच को महत्त्व देता रहा है।

➡️आर्थिक मोर्चे पर सहयोग हमेशा से ही BRICS के प्रति भारत की नीति का प्रमुख केंद्र रहा है। भारत ब्रिक्स को लैटिन अमेरिकी, अफ्रीकी और एशियाई देशों के साथ बहुपक्षीय संबंध बनाने के लिये एक मंच के रूप में देखता है।

➡️भारत ने चीन के साथ अपने सदियों पुराने जटिल संबंधों को सुलझाने के लिये एक मंच के रूप में BRICS का उपयोग करने की भी कोशिश की है।

➡️साथ ही न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की स्थापना में भी भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ब्रिक्स की भारत के भोजन और ऊर्जा सुरक्षा संबंधी मुद्दों को संबोधित करने और आतंकवाद का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका है।

13वां शिखर सम्मेलन:-

Theme:- Bricks@15 : Intra-Brics Cooperation For Continuity,

Consolidation and Consensus(निरंतरता, समेकन और सहमति के लिए अंतर ब्रिक्स सहयोग)

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 19 फरवरी 2021 को नई दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन स्थित वृक्ष सचिवालय में एक वेबसाइट का उद्घाटन किया था जिसका नाम है Brics2021.gov.in बैठक की अध्यक्षता भारतीय श्रम सचिव अपूर्वा चंद्रा ने की।भारत ने इस साल 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता ग्रहण की है। 2012 और 2016 के बाद यह तीसरा शिखर सम्मेलन है जिसका मेजबानी भारत ने की। इस बैठक के दौरान मुख्य रूप से ब्रिक्स देशों के बीच सामाजिक सुरक्षा समझौतों को बढ़ावा देने, श्रम बाजारों का स्वरूप, श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी और श्रम बाजार में गिग श्रमिकों की भूमिका पर चर्चा की गई।

ब्रिक्स देशों के प्रतिनिधियों ने श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा हेतु बहुपक्षीय सामाजिक सुरक्षा ढांचा तैयार करने की इच्छा जताई है।सामाजिक सुरक्षा समझौते से अंतरराष्ट्रीय श्रमिकों को अपनी कमाई का नुकसान किए बिना सामाजिक सुरक्षा लाभ को अपने देश ले जाने में मदद मिलेगी सामाजिक सुरक्षा समझौता उन अंतरराष्ट्रीय कर्मियों की मदद भी करेगा जो अपनी कमाई का फायदा अपने देश को मुहैया कराते हैं या वे अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा परिवार को भेजते हैं।

इस समझौते के चलते वे अपनी कमाई से होने वाली दोतरफा कटौतियों से मुक्त हो जाएंगे। ब्रिक्स देशों के प्रतिनिधियों के अलावा अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) और अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा एजेंसी (आईएसएसए) के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।इतना ही नहीं अन्य विकसित देशों के कर्मी भी इस समझौते से लाभान्वित हो सकेंगे, जिनके देश में सामाजिक सुरक्षा का ढांचा मौजूद है। इससे ब्रिक्स देशों को दुनिया भर से प्रतिभाएं आकर्षित करने का मौका मिलेगा।

👉14वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2022

14वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2022 में चीन के बीजिंग शहर में आयोजित किया गया।

👉15वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2023

15वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 22-24 August 2023 तक दक्षिण अफ्रीका के Johannesburg में आयोजित किया गया।

Theme:- “ब्रिक्स और अफ्रीका: पारस्परिक रूप से त्वरित विकास, सतत विकास और समावेशी बहुपक्षवाद के लिए साझेदारी”।

Participation:- बैठक में ब्रिक्स देशों के साथ-साथ अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के अतिथि देशों के नेता भी शामिल हुए।

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