NATO क्या है?

NATO क्या है?

NATO क्या है?

➡️NATO एक अंतर- सरकारी सैन्य संगठन है। जिसकी स्थापना 4 अप्रैल 1949 को अमेरिका, कनाडा, यूके और फ्रांस सहित 12 देशों द्वारा अमेरिका के वाशिंगटन में किया गया था।

➡️इसका पूरा नाम North Atlantic Treaty Organization अर्थात् उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन है।

➡️इसका मुख्यालय बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में अवस्थित है। वर्तमान में इसके सदस्य देशों की संख्या 32 है।

➡️इसका नया सदस्य (32वां) Sweden है जिसे 2024 में सदस्य देश बनाया गया था।

➡️NATO यूरोप और उत्तरी अमेरिका के देशों के मध्य एक सैन्य गठबंधन है।

➡️NATO में कोई भी निर्णय सभी 32 सदस्यों के सामूहिक इच्छा के आधार पर ली जाती है।

➡️NATO के सदस्य देशों का कुल सैन्य खर्च विश्व के सैन्य खर्च का 70% से अधिक है, जिसमें अमेरिका अन्य यूरोपीय देशों की तुलना में अधिक खर्च करता है।

NATO का उद्देश्य:-
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NATO का इतिहास

➡️इसकी स्थापना के समय प्रमुख उद्देश्य पश्चिम यूरोप में सोवियत संघ की साम्यवादी विचारधारा को रोकना था।

➡️राजनीतिक और सैन्य तरीकों से अपने सदस्य राष्ट्रों की स्वतंत्रता और सुरक्षा की गारंटी प्रदान करना।

➡️वर्तमान और भविष्य के खतरों से निपटने के लिये नवाचार एवं अनुकूलन के साथ-साथ उपकरणों के निर्माण को प्रोत्साहित करना।

➡️सदस्य देशों के बीच एकजुटता और सामंजस्य की भावना पैदा करना।

➡️नाटो “‌ सामूहिक सुरक्षा प्रणाली ” का गठन करता है।

➡️यूरोप में व्यक्तिगत स्वतंत्रता, लोकतंत्र, मानव अधिकारों एवं कानून के शासन के समान मूल्यों के आधार पर स्थायी शांति सुनिश्चित करना।

➡️अपने सदस्य देशों के क्षेत्र की रक्षा करना और जब संभव हो तो संकट को कम करने के लिये भी प्रयास करना ।

NATO का कार्य:-

➡️NATO आतंकवाद की समस्या से निपटने के साथ-साथ आतंकवादी हमले के परिणामों का प्रबंधन करने के लिये नई क्षमताओं और प्रौद्योगिकियों का विकास करता है।

➡️यह लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने और अपने सदस्यों देशों की समस्याओं को हल करने के अलावा न केवल विश्वास का निर्माण करता है बल्कि रक्षा और सुरक्षा मामलों पर परामर्श और सहयोग की अनुमति भी देता है।

➡️यह शांतिपूर्ण तरीके से विवादों को हल करने के लिये राजनयिक प्रयास करता है यदि ये प्रयास विफल होता है तो उसे इस प्रकार के संकट प्रबंधन कार्यों को करने के लिये सैन्य शक्ति का भी प्रयोग करना पड़ता है।

NATO के समक्ष सुरक्षा चुनौती :-

➡️आतंकवाद के खतरे से निपटना ।

➡️परमाणु हथियारों के प्रसार और बड़े पैमाने पर विनाश के अन्य हथियार (WMD) के प्रसार को रोकना।

➡️बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा (BMD) का विकास से संबंधित चुनौतियाँ।

➡️साइबर हमले से बचाव।

➡️ऊर्जा से उत्पन्न होने वाले जोखिमों को कम करना।

➡️पर्यावरण से संबंधित चुनौतियाँ प्रमुख है।

➡️सैन्य अभियानों के दौरान मानव तस्करी का मुकाबला करना।

Note:- भारत NATO का सदस्य देश नहीं है।

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