ISRO : Indian Space Research Organization (भारतीय अंतरिक्ष रिसर्च संगठन)

👉ISRO इसरो भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है। इसका मुख्य कार्य भारत के लिये अंतरिक्ष संबंधी तकनीक उपलब्ध करवाना है।
👉भारतीय अंतरिक्ष रिसर्च संगठन में 17 हजार से अधिक कर्मचारी एवं वैज्ञानिक काम काम कर रहे है।
स्थापना:- 15 अगस्त 1969
जनक:- डाॅ. विक्रम साराभाई
मुख्यालय:- बेंगलुरु (कर्नाटक)
अध्यक्ष और अंतरिक्ष सचिव:- एस सोमनाथ
Note:- इसरो ने अपने पूर्ववर्ती INCOSPAR (अंतरिक्ष अनुसंधान के लिये भारतीय राष्ट्रीय समिति) की जगह ली, जिसकी स्थापना वर्ष 1962 में हुई थी।
उद्देश्य:-
➡️इसरो का मुख्य उद्देश्य विभिन्न राष्ट्रीय कार्यों के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और इसके अनुप्रयोग का उपयोग करना है। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम विक्रम साराभाई की दृष्टि से प्रेरित था।
➡️इसरो अक्सर दूरसंवेदी प्रौद्योगिकी, पर्यावरण निगरानी और मौसम संबंधी पूर्वानुमान के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों का नियंत्रण और प्रबंधन करता है।
➡️स्वदेशी उपग्रहों और उपग्रह प्रक्षेपणयान का विकास।
➡️संचार उपग्रहों का डिजाइन, विकासऔर उपलब्धि।
➡️पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों का डिजाइन,विकास और उपलब्धता
➡️ निर्देशित उपग्रह प्रणाली का विकासअंतरिक्ष विज्ञान और ग्रहों की खोज उपग्रह प्रणाली का विकास।
➡️उन्नत प्रौद्योगिकियों और नई पहल प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण और शिक्षण के क्षेत्र में कार्य
➡️अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का प्रसार
➡️अवसंरचना, सुविधाओं और मिशन कार्यों के विकास में सहायता
Interesting Facts About ISRO (History/Achievement) :-
➡️ ISRO का पहला उपग्रह आर्यभट्ट 19 अप्रैल 1975 को रूस की सहायता से लांच किया गया था।
➡️ ISRO का पिछले 40 वर्ष का खर्च नासा के एक वर्ष के खर्च के आधे से भी कम है।
➡️ ISRO की इंटरनेट स्पीड 2GBps है। वही नासा की इंटरनेट स्पीड 91GBps है।
➡️सन् 1981 में APPLE Satellite को संसाधनों की कमी की वजह से बैलगाड़ी पर ले जाया गया था।
➡️ एक बार में सबसे ज्यादा सैटेलाइट छोड़ने का रिकार्ड भारत के नाम है। क्योंकि ISRO ने 15 फरवरी 2017 को PSLV-C37 रॉकेट की सहायता से अंतरिक्ष में एक साथ 104 सैटेलाइट को भेजा था।
➡️भारत द्वारा लांच किया गया(1980 में) पहला स्वदेशी उपग्रह SLV-3 था।
➡️ इसके बाद इसरो द्वारा दो अन्य रॉकेट विकसित किये गए।पहला:-PSLV (Polar Satellite Launch Vehicle) और दूसरा GSLV (Geosynchronous Satellite Launch Vehicle) इनके द्वारा ही आज भारत अंतरिक्ष में तिरंगा लहरा रहा है।
➡️ मिशन चंद्रयान-1 की वजह से भारत चांद पर पानी खोजने वाला पहला देश बन गया है।
➡️ वर्ष 2014 में, इसरो अपने पहले प्रयास में सफलतापूर्वक मंगल पर पहुंचने वाला पहला देश बना। मार्स ऑर्बिटर मिशन या MOM का बजट महज 450 करोड़ रु. था।
➡️वर्ष 2017 में, इसरो ने एक ही मिशन में 104 उपग्रहों को लॉन्च करके विश्व रिकॉर्ड बनाया।
➡️ इससे पहले 37 सैटेलाइट लांच करने का रिकॉर्ड रूस के पास था।
