
नीति आयोग : स्वाधीनता के बाद हमारे देश ने तत्कालीन सोवियत संघ के समाजवादी शासन की संरचना को अपनाया, जिसमें योजनाएँ बनाकर काम किया जाता था। पंचवर्षीय तथा एकवर्षीय योजनाएँ काफी लंबे समय तक देश में चलती रहीं। योजना आयोग ने नियोजन इकाई के रूप दशकों तक योजनाएँ बनाने के काम को अंजाम दिया। लेकिन केंद्र में सत्ता परिवर्तन होने के बाद 1 जनवरी, 2015 को योजना आयोग के स्थान पर केंद्रीय मंत्रिमंडल के एक संकल्प पर नीति आयोग का गठन किया गया।
नीति आयोग भारत सरकार का प्रमुख नीतिगत ‘थिंक टैंक’ है, जो दिशात्मक और नीतिगत इनपुट प्रदान करता है। इसमें सहकारी संघवाद की भावना को केंद्र में रखते हुए अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार के दृष्टिकोण की परिकल्पना को स्थान दिया गया।
NITI Aayog :- National Institute For Transforming India Aayog
नीति आयोग का गठन / स्थापना क्यों किया गया?
➡️65 वर्ष पुराना योजना आयोग कमांड अर्थव्यवस्था संरचना में तो प्रासंगिक था, लेकिन बीते कुछ वर्षों में यह प्रभावी नहीं रह गया था।
➡️भारत विविधताओं वाला देश है और इसके राज्य आर्थिक विकास के विभिन्न चरणों में हैं, जिनकी अपनी भिन्न-भिन्न ताकतें और कमज़ोरियाँ हैं।
➡️आर्थिक नियोजन के लिये सभी पर एक प्रारूप लागू हो, यह धारणा गलत है। यह आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत को प्रतिस्पर्द्धी के तौर पर स्थापित नहीं कर सकता।
नीति आयोग की प्रशासनिक संरचना:-
➡️मुख्यालय:- दिल्ली
➡️अध्यक्ष:-प्रधानमंत्री
➡️उपाध्यक्ष:-प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त
वर्तमान:- डॉ राजीव कुमार
प्रथम:- अरविंद पनगढ़िया
➡️संचालन परिषद:-सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल।
➡️क्षेत्रीय परिषद:-विशिष्ट क्षेत्रीय मुद्दों को संबोधित करने के लिये प्रधानमंत्री या उसके द्वारा नामित व्यक्ति मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों की बैठक की अध्यक्षता करता है।
➡️तदर्थ सदस्यता:-अग्रणी अनुसंधान संस्थानों से बारी-बारी से 2 पदेन सदस्य।
➡️पदेन सदस्यता:-प्रधानमंत्री द्वारा नामित केंद्रीय मंत्रिपरिषद के अधिकतम चार सदस्य।
वर्तमान में पदेन सदस्य :-
1. श्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री।
2. श्री अमित शाह, गृह मंत्री।
3. श्रीमती निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री और कॉरपोरेट कार्य मंत्री।
4. श्री नरेन्द्र सिंह तोमर; कृषि और किसान कल्याण मंत्री; ग्रामीण विकास मंत्री; पंचायती राज मंत्री।
➡️मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO):-भारत सरकार का सचिव जिसे प्रधानमंत्री द्वारा एक निश्चित कार्यकाल के
लिए नियुक्त किया जाता है।
प्रथम:-सिंधुश्री खुल्लर
वर्तमान:- अमिताभ कान्त
➡️विशेष आमंत्रित:-प्रधानमंत्री द्वारा नामित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ।
➡️पूर्णकालिक सदस्य:-
1. श्री वी.के. सारस्वत
2. प्रो. रमेश चंद
3. डॉ. वी.के. पॉल
नीति आयोग का उद्देश्य:-
➡️यह मानते हुए कि मज़बूत राज्य ही एक मज़बूत राष्ट्र बनाते हैं, संघीय सहभागिता की भावना को बढ़ाने के लिये राज्यों को निरंतर संरचित समर्थन तंत्र के माध्यम से सहयोग प्रदान करना।
➡️ग्रामीण स्तर पर विश्वसनीय योजनाएँ बनाने के लिये तंत्र विकसित करना और सरकार के उच्च स्तरों तक इसे उत्तरोत्तर विकसित करना।
➡️राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों में आर्थिक रणनीति और नीतियाँ शामिल की गई हैं।
➡️समाज के उन वर्गों पर विशेष ध्यान देना जो आर्थिक प्रगति से पर्याप्त रूप से लाभान्वित नहीं हैं।
➡️प्रमुख हितधारकों, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय थिंक टैंक जैसे शैक्षिक और नीति अनुसंधान संस्थानों के बीच भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
➡️राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों, चिकित्सकों तथा अन्य भागीदारों के सहयोग से ज्ञान, नवाचार और उद्यमशीलता की सहायता प्रणाली बनाना।
➡️विकास एजेंडा के कार्यान्वयन में तेज़ी लाने के लिये अंतर-क्षेत्रीय और अंतर-विभागीय मुद्दों के समाधान हेतुएक मंच प्रदान करना।
➡️राज्यों को कला संसाधन केंद्र के रूप में स्थापित करने, शासन पर शोध का केंद्र बनाने एवं सतत और न्यायसंगत विकास में सर्वोत्तम तरीके अपनाने तथा विभिन्न हित धारकों तक उनको पहुँचाना।
नीति आयोग की विशेषता:-
➡️योजना का विकेंद्रीकरण है, लेकिन पंचवर्षीय योजना के भीतर।
➡️परंपरागत नौकरशाही के स्थान पर विशेषज्ञता और प्रदर्शन के आधार पर ज़िम्मेदारियाँ तय करना।
➡️नीति आयोग समय के साथ परिवर्तन के एक एजेंट के रूप में उभर सकता है और सार्वजनिक सेवाओं की बेहतर डिलीवरी करने तथा उसमें सुधार के एजेंडे में योगदान दे सकता है।
➡️नीति आयोग में देश में कुशल, पारदर्शी, नवीन और जवाबदेह शासन प्रणाली का प्रतिनिधि बनने की क्षमता है।
