
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal – NGT)
गठन :- 18 अक्टूबर 2010
Act :- राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम 2010 (National Green Tribunal Act 2010)
प्रकृति :– सांविधिक निकाय (Statutory Body)
मुख्यालय :- दिल्ली
अन्य चार क्षेत्रीय कार्यालय:-
1.भोपाल
2.पुणे
3.कोलकाता
4.चेन्नई
उद्देश्य :- पर्यावरण संबंधी मुद्दों का निपटारा (6 महीनों के भीतर)
संरचना :- अध्यक्ष + न्यायिक सदस्य + विशेषज्ञ सदस्य
(1) (10-20) (10-20)
योग्यता:-
अध्यक्ष ➡️ SC का Judge Or HC का CJ
न्यायिक सदस्य ➡️ SC का Judge Or HC का CJ Or Judge
विशेषज्ञ सदस्य
➡️ डॉक्टरेट की उपाधि + 5 Years Experience
➡️ केंद्र/राज्य स्तर पर्यावरण संबंधी कार्य में 5 Years Exp.
➡️15 Years प्रशासनिक अनुभव
नियुक्ति :-
अध्यक्ष ➡️ CJI ➖ केंद्र सरकार द्वारा
न्यायिक सदस्य ➡️ केंद्र सरकार द्वारा चयन समिति
विशेषज्ञ सदस्य ➡️ केंद्र सरकार द्वारा चयन समिति
हटाना :-
अध्यक्ष ➡️CJI ➖ केंद्र सरकार द्वारा
न्यायिक सदस्य ➡️ CJI ➖ केंद्र सरकार द्वारा
विशेषज्ञ सदस्य ➡️ केंद्र सरकार द्वारा
कार्यकाल ➡️ 5 Years
✔️SC का Judge ➖ 70 years
✔️HC का CJ Or Judge ➖ 67 Years
✔️ विशेषज्ञ सदस्य ➖ 65 Years
शक्तियां :-
➡️NGT पर्यावरण से संबंधित 7 कानूनों के तहत नागरिक मामलों की सुनवाई कर सकता है:
1. जल अधिनियम, 1974
2. जल उपकर अधिनियम, 1977
3. वन अधिनियम, 1980
4. वायु प्रदूषण निवारण और नियंत्रण अधिनियम, 1981
5. पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986
6. लोक दायित्व बीमा अधिनियम, 1991
7. जैव-विविधता अधिनियम, 2002
➡️उपरोक्त कानूनों के तहत सरकार द्वारा लिये गए किसी भी निर्णय को NGT के समक्ष चुनौती दी जा सकती है।
➡️NGT द्वारा दिये गए आदेश/निर्णय/अधिनिर्णय के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में 90 दिनों के भीतर अपील की जा सकती है।
➡️ NGT अधिनियम में नियमों का पालन न करने पर दंड का प्रावधान भी किया गया है :-
✔️ 3 Years का कारावास
✔️ 10 करोड़ का आर्थिक दंड
राष्ट्रीय हरित अधिकरण के कार्य :-
➡️पर्यावरण से संबन्धित मुद्दों का निपटारा करना
➡️उन सभी मामलों की सुनवाई करना जो प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण से संबंधित हो
➡️पर्यावरण प्रदूषण या अन्य किसी प्रकार की क्षति से उसकी सुरक्षा करना
➡️पर्यावरण संबंधित विभिन्न आदेश को जारी करना
➡️पर्यावरण की सुरक्षा संरक्षण तथा उसका संवर्धन करना
➡️पर्यावरण से संबंधित नियमों का पालन न करने वाले लोगों को आर्थिक एवं कारावास दंड देना
चुनौतियां :-
NGT को 2 अधिनियम से बाहर रखा गया है :-
✔️ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972
✔️ अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पारंपरिक वन्य निवासी अधिनियम 2006
Note :-
प्रथम अध्यक्ष :- लोकेश्वर सिंह पंटा
द्वितीय अध्यक्ष :- स्वतंत्र कुमार
