नीति आयोग और योजना आयोग में अंतर

नीति आयोग और योजना आयोग में अंतर

नीति आयोग  योजना आयोग
यह एक सलाहकार Think Tank के रूप में कार्य करता है। इसने एक संवैधानिक निकाय के रूप में काम किया था, जबकि इसे ऐसा दर्जा नहीं मिला था।
यह सदस्यों की व्यापक विशेषज्ञता पर बल देता है। यह सीमित विशेषज्ञता पर निर्भर था।
यह Bottom-Up Approach पर कार्य करता है। यह Top-Down Approach पर कार्य करता था।
प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त सचिवों को CEO के रूप में जाना जाता है। सचिवों को सामान्य प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्त किया जाता था।
यह सहकारी संघवाद की भावना पर कार्य करता है क्योंकि यह राज्यों की समान भागीदारी सुनिश्चित करता है। इसकी वार्षिक योजना बैठकों में राज्यों की भागीदारी बहुत कम रहती थी।
इसे धन आवंटित करने की शक्तियाँ नहीं हैं जो वित्त मंत्री में निहित हैं। यह राज्यों के लिये नीतियाँ बनाता था और स्वीकृत परियोजनाओं के लिये धन आवंटित करता था।
इसे नीतियाँ लागू करने का अधिकार नहीं है। यह राज्यों के लिये नीतियाँ बनाता था और स्वीकृत परियोजनाओं के लिये धन आवंटित करता था।
नीति आयोग राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय के महत्व में भौतिक प्रकार की नीतिगत मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकारों को पूरी तरह से रणनीति बनाने का काम करता है | योजना आयोग ऐसा आयोग था , जो देश के अंदर संसाधनों का आकलन करता था।
नीति आयोग ग्रामीण स्तर पर विश्वसनीय योजनाएं तैयार सकता है और उन्हें लेकर तंत्र में विकसित करने का संकल्प लेता है। योजना आयोग योजनाओं को सफल बनाने के लिए जरूरत पड़ने वाली सामग्रियों तथा मशीनरी का निर्धारण करता था |

 

नीति आयोग देश में होने वाले राष्ट्रीय विकास के उद्देश्यों को पूरी रणनीति के साथ उन्हें पूरा करता है | यह आयोग राष्ट्र के अंदर आर्थिक विकास को धीमा करने वाले कारकों की सही पहचान करके उनपर रोक लगाता था |
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